जिससे पूछे वह शेयर बाजार के बारे में और जानना चाहता है यानी कि शेयर बाजार की ओर निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है खासकर जो रिटेल निवेशक होते हैं खुदरा निवेशक जिन्हें हम कहते हैं उनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है | रिटेल इन्वेस्टर्स के बीच IPO का भी अच्छा खासा क्रीज दिखता है | हुंडई मोटर इंडिया, रिलायंस जिओ जैसे कोई बड़े IPO बाज़ार में आने ही वाले हैं क्यूंकि IPO को हरी झंडी देनेवाले मार्किट रेगुलेटर SEBI भी तेजी दिखा रहा है। IPO अप्रूवल की प्रक्रिया को फास्ट करने के लिए सेबी ने किस तरह के कदम उठाए हैं और इससे निवेशकों को क्या फायदा होगा आइए समझते हैं | मार्केट रेगुलेटर सेबी ने प्राइमरी मार्केट की हलचल को ध्यान में रखते हुए आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक ऑफिस के लिए तेजी से मंजूरी देना जारी रखा है |

प्राइमरी मार्केट ट्रैकिंग फर्म प्राइम डेटा बेस के आंकड़ों के मुताबिक फाइनेंशियल ईयर 2023 – 24 में फाइल हुए आईपीओ को मंजूरी देने में मार्केट रेगुलेटर सेब ने औसतन 107 दिन का समय लिया है जो वित्त वर्ष 2022 – 23 के दौरान इसी काम के लिए लगे 129 दिन से 17% कम है | फाइनेंशियल एक्सप्रेस में इन्वेस्टमेंट बैंकर्स के हवाले से छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी की ओर से आईपीओ को जो बहुत जल्दी अप्रूवल मिल रही है इस तेजी के पीछे कुछ वजह भी हैं इनमें सेबी में कर्मचारियों की संख्या बढ़ना, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ा है, और साथ ही में मर्चेंट बैंकर्स की ओर से सेल्फ सर्टिफिकेशन शामिल है | कुछ मामलों में तो यह देखने को मिला कि सेबी ने ने आईपीओ के अप्रूवल में 2 महीने से भी कम का समय लिया तो कुछ जो चर्चित आईपीओ जो बहुत कम समय में जिन्हें अप्रूवल मिला उनमें नाम शामिल है Ideaforge Technologies, Aadhar Housing Finance, Brainbees Solutions, Bharti Hexacom, Cello World, IREDA इनके पब्लिक इशू को रेगुलेटर की मंजूरी मिलने में दो महीने से कम का वक्त लगा है |
इलारा कैपिटल के इन्वेस्टमेंट बैंकिंग के प्रेसिडेंट रमनी कुज गवे ने रिपोर्ट में बताया कि आईपीओ को मंजूरी मिलने में लगने वाला समय इस बात पर निर्भर करता है कि डीआरएचपी यानी आईपीओ से जुड़े जो इनिशियल पेपर्स होते हैं वह दाखिल करने में कितना काम किया गया है आमतौर पर डीआरएचपी फाइलिंग से पहले कुछ बैंकर और वकील सेबी की ओर से देखे जाने वाले क्राइटेरिया के संबंध में काफी सावधानी बरतते हैं इसलिए जब यह दस्तावेज सेवी के पास पहुंचता है तो उसकी टिप्पणियां नर्म होती हैं मंजूरी के मामले में दस्तावेज की क्वालिटी काफी अहम है और यह समय के साथ सुधरी है यानी कि कंपनियां इस शुरुआती आरएचपी डॉक्यूमेंट को बनाने में वक्त लगा रही हैं रिसोर्स लगा रही हैं |

आईपीओ की मंजूरी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हाल ही में बाजार नियामक सेबी ने लीड मैनेजर्स से दस्तावेज यानी डीआरएचपी दाखिल करते वक्त अतिरिक्त विवरण देने को भी कहा है | सेबी की ओर से मांगे गए एडिशनल डिस्क्लोजर में प्री आईपीओ प्लेसमेंट शय धारकों की जानकारी पूर्व समझौते ईसप आवंटी हों के ब्योरे जैसे जानकारियां शामिल हैं | जून में आई एक मीडिया रिपोर्ट में प्राइम डेटाबेस के आंकड़े के अनुसार कहा गया कि इस साल यानी 1 जनवरी से जमा कराए गए 45 से ज्यादा आवेदन में सिर्फ नौ को ही मंजूरी मिली लेकिन इनकी मंजूरी में औसतन समय 87 दिन का लगा है इनमें से करीब आधा दर्जन एप्लीकेशन को वापस ले लिया गया या रद्द कर दिया गया था तो पिछले सालों के दौरान से अभी तक अगर देखा जाए तो सेबी की ओर से आईपीओ को हरी झंडी देने में लगने वाला समय घटा है अप्रूवल में तेजी के लिए सेबी कदम उठा रहा है जैसे-जैसे आईपीओ के अप्रूवल में लगने वाला समय घटेगा आईपीओ उतनी जल्दी से प्राइमरी मार्केट का रुक करेंगे और निवेशकों को रिटर्न कमाने के उतने ही ज्यादा मौके मिलेंगे | आईपीओ में निवेश करने से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर ले ले |
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